रंग- उमंग के तरंग बड़े...!

रंग- उमंग के तरंग बड़े लेके आई होली 
ममता के आँचल से भर लो अपनी-अपनी झोली 
कोई न बचने पाए सब हो जाएँ होली-होली 
मधुमास आया है भंग का रंग रग-रग में छाया है
मदमस्त गलियों से हर टोली ने गीत गुनगुनाया है.



गली-कुचों में बजते ढोल-नगाड़े तन-मन को खींचे 
घर के किसी कोने में बैठी गोरी दिल मसोसे रूठे-रूठे 
स्नेह से दूर आज पड़े सारे गुलाल फीके-फीके
रोटी के वोटी करके भाग बड़े-बड़े तोड़े,अपने हिस्से छोड़े 
कैसी होली,किसकी होली महंगाई,कमर तोड़ बोले है. 

खनकते कंगन,ढलकते आंसू अपनी धुन में खोये 
कोई हँसे,कोई रोये कौन किस गम के दामन से दबे
पतझड़ के झुरमुट से झांकते पुरातन पल जागे 
यादों के पट खोले देहरी से तुनक-तुनक के झांके 
वैरी से बने प्रतिपल अपने जीवन के ताने-बाने
विते हुए वादों के दिनों को ढुलमुल ढलकती बातें.



धरती से अम्बर तक फैले अलबेले रंगों के धागे 
बंधे खींचे चले जाते हैं ऐसे जैसे किरणों के रेशे 
सेम्बल के फुल बने जीवन के उलझे तागे 
सीकन के गांठों को खोले ऐसे जैसे गोरी के घूँघट 
मसल दिए अरमानों के मधुर लड़ियों के झांगे
उड़ गए पपीहे ऐसे जैसे भांप बने पानी के बूंदें. 


घनघोर घटा,घूँघटपट हौले-हौले खोले आए 
धरा पर सबको इठला-इठला के अपने में अटकाए 
निकलो चलो घर से बाहर मानष-मानष को मिलवाएं 
उनके भावों को जगा के ऐसे जैसे सूरज-धरती से लिपटाये
मिटटी पर फैले ओंस के झिलमिलाते जुगनुओं को रंगीन बनाये 
हर जन के घर-आँगन को फूलों के रंगों से सजाएँ 
ऐसे जैसे टेसू,बेला के फूलों से बगिया गमक-गमक जाए.
                                           

                        
                                   डॉ.सुनीता

5 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति,अच्छी अभिव्यक्ति....
    सुनीता जी,सपरिवार होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

    RECENT POST...काव्यान्जलि
    ...रंग रंगीली होली आई,

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  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति,अच्छी अभिव्यक्ति....

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  3. बहुत ही बढ़िया
    आपको महिला दिवस और होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।

    सादर

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  4. रंगों भरी होली की हार्दिक शुभकामनाएं..

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  5. so nice ....happy holi ...rangbhare shabd rangon ko aur rangeen bana rahe hai !!

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