लोकप्रिय पोस्ट्स
-
भूतपूर्व में घटित घटनाये जब याद आती हैं मन को द्रवित कर जाती हैं.मुझे भी आज एक कहानी,हिस्सा जो मेरे जीवन का सबसे अलग,जुदा पर ह्रदय से जुड़ा ...
-
'आने के बाद' देखा एक भयानक ख्वाब धरती डोल रही,अम्बर पट खोल रही लोग मदिरा में मदमस्त हैं नये साल के बहाने पस्त हैं आ...
-
एक साहसी स्त्री परिस्थितियों से लेती है लोहा कठिनाइयों को देती है मात चट्टानों से टकराती है दिन-रात दुश्मनों से दो-दो हाथ करती बेख़...
-
महिला , मुद्दे और ब्लॉग डॉ. सुनीता नोट-यह एक शोधपत्र है.जो ‘विकास और मुद्दे’ नामक पुस्तक में छपी है. आज से इसे मैं अपने ब्लॉ...
-
समाज संरचना के दो कंगूरे की तरह लडके और लड़कियां हैं.यह एक दूसरे के साथी,सहयोगी और अर्ध्य अंग के रूप में जाने जाते रहे हैं.यह खम्भा एक अटूट ...
-
जिस तेज़ी से पूरी दुनियां में संचार का आगमन हुआ है उसी के अनुपात में करप्सन भी फैला है.हम सब इस बात से कत्तई इनकार नहीं कर सकते हैं.क्योकि ...
-
शहर के भीड़ से शोर के चिंघाड से धुल-धुआँ के अजाब से एकाकीपन के नाद से हृदय के अहलाद से मौसम के फरियाद से ...
-
डॉ.सुनीता सहायक प्रोफ़ेसर, नई दिल्ली साहित्य की सपनीली दुनिया में मूल्यांकन का स्तर सिमटता जा रहा है... जब अध्ययन/मूल्यांकन का इरादा...
-
चांदनी रात की शोभा सुबह होने के साथ ही धूमिल होने लगती है.लेकिन भोर का तारा जीवन को नए अंदाज़ के साथ जीने का सीख देती है.इसी के संग जीवन क...





