पनाह मांगती हूँ
माँ तेरी गोंद में
तेरी कोंख में
तेरी जिंदगी में
आँखों के कोर में नहीं पलकों के छाँव में
जैसे खिलते हैं फुल खुले असमान में
सुनना चाहती हूँ लोरी तेरे लबों से
तेरे सूखते होंठों से
कंपकंपाते जिस्मों से
लिपटना चाहती हूँ धडकनों से
दिखावटी नहीं सुकून की तलास है
उम्मीद से कहीं बढ़कर मान-अभिमान है
उस तरह नहीं जैसे पिता की मार है
इस तरह जैसे ओस की बूंदें खामोश हैं
तेरी बाँहों में झुलना चाहती हूँ
जिंदगी से मिलना है
तुझमें खो के तुझसा बनाना है
मैं देख रही हूँ
तू सहमी है
मेरे आने के खबर से घबराई हुई है
हलचल मच रही है हृदय के कमरे में
यहाँ बतकही छिड़ी है वंशज की
उसे झिटक दो माँ
मुझे नज़रों मे छुपा लो
तेरी हर कुरबत को झेलेंगे
वैसे नहीं जैसे एक पुत्र बोलके करता है
ऐसे जैसे चाँद-चकोरे से मिलता है
यादों में महसूस करके सिसकता
माँ तेरी गोंद में
तेरी कोंख में
तेरी जिंदगी में
आँखों के कोर में नहीं पलकों के छाँव में
जैसे खिलते हैं फुल खुले असमान में
सुनना चाहती हूँ लोरी तेरे लबों से
तेरे सूखते होंठों से
कंपकंपाते जिस्मों से
लिपटना चाहती हूँ धडकनों से
दिखावटी नहीं सुकून की तलास है
उम्मीद से कहीं बढ़कर मान-अभिमान है
उस तरह नहीं जैसे पिता की मार है
इस तरह जैसे ओस की बूंदें खामोश हैं
तेरी बाँहों में झुलना चाहती हूँ
जिंदगी से मिलना है
तुझमें खो के तुझसा बनाना है
मैं देख रही हूँ
तू सहमी है
मेरे आने के खबर से घबराई हुई है
हलचल मच रही है हृदय के कमरे में
यहाँ बतकही छिड़ी है वंशज की
उसे झिटक दो माँ
मुझे नज़रों मे छुपा लो
तेरी हर कुरबत को झेलेंगे
वैसे नहीं जैसे एक पुत्र बोलके करता है
ऐसे जैसे चाँद-चकोरे से मिलता है
यादों में महसूस करके सिसकता
क्रमश:
डॉ.सुनीता
बहुत ही प्यारी रचना......
ReplyDeleteएहसासों को खूबसूरत शब्द दिये हैं आपने।
ReplyDeleteसादर
सुंदर अहसासों की अभिव्यक्ति की भावपुर्ण बेहतरीन रचना,..
ReplyDeleteNEW POST...फिर से आई होली...
खूबसूरत एहसासों की अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसुंदर भाव लिए अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteकोमल भावनाओं से सुसज्जित रचना...
ReplyDeleteबधाई.
हर 'अजन्मी' की पुकार !...मर्मस्पर्शी रचना
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना और भावो की सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDelete---------------होली की शुभकामनायें |
beautiful post... although... mother is beyond description..
ReplyDeleteplz visit my blog...sunita jee.
wish a colourful holi...
ReplyDeleteबहूत हि सुकोमल ,
ReplyDeleteप्यारी रचना:-)
नरम शब्दों से बुनी ... माँ भी तो यही चाहती है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लाजबाब प्रस्तुति.
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
माँ पर लिखी गई सुन्दर शब्द रचना ......
ReplyDeleteहोली की शुभकामनएं
ek ehsaaso'n bhari rachna...bahut khub...
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